All India Weighing Industry Forum Uttar Pradesh

Indian Weighing – Our People – Mr Sunil Upadhyay

वेगहिंग  न्यूज में हम अपने उद्योग जगत के लोगों  के काम की सराहना करते हैं और ‘इंडियन वेगहिंग  – अवर पीपल’ के तहत उनकी कहानियों और अनुभवों को साझा करने का लक्ष्य रखते हैं।हम तहत दिल से  सुनील उपाध्याय जी,  प्रदेश अध्यक्ष – बाट माप मरम्मतकर्ता वेलफेयर एसोसिएशन, को  हमारे साथ जुड़ने के लिए धन्यवाद् करते है। 

सुनील जी, इस इंडस्ट्री में आपका सफर कैसे शुरू हुआ?

जी हमारी कुछ अपनी व्यक्तिगत समस्याएं थी, और कुछ अपने जैसे लोगों की समस्याएं आई हमारे सामने। हमारे ऊपर कुछ डिपार्टमेंट्स के नियम लागू होते हैं।  उसके तहत कुछ व्याख्याओं के साथ हम लोगो को कुछ परेशानी आ रही थी। अपने मुद्दों को उठाने के लिए हमे एक असोसिएशन  बनाना पढ़ा। आज उसी के आधार पर हम आगे बढ़ रहे हैं। 

आपकी एसोसिएशन  ने अभी तक किन-किन समस्याओं का सामना किया है और आपने उनके समाधान कैसे निकाले ? कोई ऐसा किस्सा जो आप हमारे साथ बाँटना चाहे?

जी हम व्यापारियों और सरकार के बीच के फासले काम करते है।  व्यापारी हम भी हैं परन्तु जिस व्यापारी के पास एक वेइंग स्केल इस्तेमाल होता है, जहां से उपभोक्ता सामान खरीदता है, उन व्यापारियों और सरकार के बीच की कढ़ी हैं हम। जो नियम उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनाये गए हैं वे दो कोटि में बांटे गए हैं – आदेश और निर्देश

आदेश कुछ नियमों से  जुड़ा होता है और निर्देश अधिकारियों के विचारो से उत्पन्न होता है। यदि आदेशों का पालन हो तोह हमे संगठन की, आवाज़ उठाने की आवश्यकता ही नहीं है। लेकिन के विपक्ष, निर्देश बीच में आते हैं, क्युकी निर्देशों की जवाबदेनियाँ नहीं होती। तोह इन आदेशो के तहत कार्य करने में जो हमे विसंगतियाँ आ रही जिसके कारण उनका पालन करने में  हमे समस्या हो रही थी , इस प्रकार की स्थितिओयो से लड़ने के लिए हमने यह संगठन बनाया जिसके द्वारा हमे सही चीज़ो को समाज के समक्ष ला पाए। 

आपको अपने कार्य में किन रुकावटो का सामना  करना पढ़ता है ?उनसे आप किस प्रकार निपटते हैं ?

 हम  स्वयं एक कंपनी है जैसे की आप जानते हैं। हमारे कार्य का एक “मॉनिटरिंग अधिकारी” होता है जो हमें निर्धारित करता है। हमारे और इस उपदेशक के बीच जो दिक्कतें आती हैं  उन्हें हम अपने उच्च अधिकारी , जैसे कि डिप्टी कंट्रोलर , कंट्रोलर आदि , के पास ले जाते हैं और उन से समाधान की उम्मीद करते हैं। 

इस समय आप किन मुद्दों पर गौर कर रहे हैं?

हम इस वक़्त अपने आपको इस प्रश्न में इतना उलझा हुआ महसूस कर रहे हैं! एक समस्या हो तो बताये. हम तोह जैसे समस्याओं के जाल में फसे हैं ! मैं शुरुआत करूँगा छोटी- छोटी चीज़ो पर रौशनी डालने से,और मैं आशा करता हु की आपके माध्यम से मेरी बात ज़ादा लोगो तक्क पोहचे। सबसे बड़ा मुद्दा इस वक़्त हमारे लिए शोषण एवं भ्रष्टाचार का है। हर तीन साल में अफसर का ट्रांसफर निश्चित रूप से होना चाहिए परंतु वो अभी भी स्थायी रूप से स्थिर पढ़ा हुआ है।  इस प्रकार के कई मुद्दे हैं जिनसे हम जूंझ रहे हैं। 

सुनील जी आपके अनुसार इस इंडस्ट्री में इतने सालो मैं क्या बदलाव आये हैं ? 

बहुत से बदलाव आये हैं पिछले कुछ सालों में। हमारे जो व्यवसायी बंधू हैं, जिन्होंने खुद पर बीती कठिनाइयों को अपनी नियति ही मान लिया था, आज उन्हें उम्मीद की एक किरण दिखाई दे रही है इस एसोसिएशन के कारण। इस संगठन के माध्यम से उनमे एक आशा जाग रही है जिससे उन्हें यह उम्मीद दिखाई दे रही है की वे भी समाज की मुख्यधारा में आ सकते हैं। वे अपने शोषण के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलंद कर सकते हैं। और सबसे अच्छी बात यह है की हमारे जो उच्च अधिकारी हैं, वे हमे जीविका देते हैं। अपने संगठन की वजह से हम उन तक वो बाते पहुंचा बातें हैं जो उन्हें ज्ञात नहीं। 

सरकार अथवा आपके साथ जो कंपनियां जुड़ी हुई है, आपकी एसोसिएशन की ओर उनकी प्रतिक्रिया कैसी रही ?

सरकार ने हमे नियम, कुछ “गाइडलाइन्स” दी है जिसका हमें पालन  करना है। फिलहाल हम उन्हीं नियमों के कार्यान्वयन की कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। अभी के लिए बस कुछ नियम बन जाए जिस से मेरी मुश्किलें थोड़ी कम् हो जाए – इस दिशा में हम नहीं पहुंच पाए। परन्तु एक नियम का हल दूसरे नियम से निकालना कितना उचित यह हम नहीं जानते। जनता और हमसे जुड़ी कंपनियां और हमारे अपने लोग,व्यवसायी वर्ग आदि , इस संगठन से उत्साहित हैं और यह फिलहाल हमारे लिए बहुत ख़ुशी की बात है। 

अखिल भारतीय कांटा व्यवसाई महासंघ के बारे में आपकी क्या राय है ? क्या आपको लगता है की उसमें जुड़ जाने से कई समस्याओं के दीर्घावधि समाधान निकल पाएंगे ?

 झरने नदियों में , नदियां समुद्र में – यह सब तोह सार्वत्रिक नियम है। इस महासंघ से जुड़ने से हम अपनी विशालता को बड़ा सकते हैं। इससे हमें मौका मिलेगा अपनी बात को अच्छे स्तर पर रख कर अपनी बातों को , अपने मुद्दों को मनवा सकते हैं क्योंकि संगठन से उत्पन्न होने वाली मांग उचित ही होती है। मेरी शुभकामनाएं और सहयोग इस के पक्ष में है पूर्ण रूप से और मैं अपनी पूरी क्षमता के साथ इस महासंघ के विकास में भाग लूँगा। 

आज कल के नौजवानों के लिए जो हाल ही ही में इस इंडस्ट्री से जुड़े हैं , या जुड़ रहे हैं अथवा जुड़ना चाहते हैं, उनके लिए कोई सलाह ? 

मेरे अनुभव के हिसाब से मेरी यह  सलाह है कि आपको नियमों को जान लें । यदि आने के पूर्व और आने के कुछ ही समय में अगर वो नियमों को नहीं पहचानेंगे तो वे मौके का उचित लाभ नहीं उठा पाएंगे। मात्र कनियमों की पहचान से आपको सारे मार्ग खुद नज़र आने लगेंगे। 

About the author

Weighing News

Weighing News is an online news portal dedicated to the weighing industry, whether in India or abroad. We bring in the latest news and serve as a global knowledge platform for all those who are part of the world of weighing, such as
• Manufacturers of weighing equipment
• Component makers
• Original equipment manufacturers (OEM’s)
• Repairers and maintenance engineers
• Transporters
• Factory owners
• Industry associations

Because of our focus, we have a very specialised readership. Our visitors are the people engaged in the industry and they use or are involved with weighing products on a daily basis.

Weighing News attempts to report on anything connected with weighing including new and emerging areas in the field. We aim to plug the dearth of knowledge and awareness amongst users of weighing scales and equipment about the innovation and events in the field. We cover all important happenings under different categories like company news, industry events and new launches, regulatory changes, product news and automation. There are also special features like
• Knowledge centre
• Interviews with experts
• Case studies
• Product suggestions

In just two years, Weighing News has built up a regular readership through organic growth. Our visitors are spread across Asia, the Americas and Europe. India, USA, UK, Canada and Germany are the countries with the most readers, followed by China, Indonesia, Russia, Singapore and Greece.

Weighing News is growing fast, with new visitors constituting the majority of our traffic. We offer additional facilities to our subscribers including a newsletter and updates delivered regularly to their e-mail.